सफेद चने, स्‍प्राउट, सूप... कैसी होती है टॉप डाइटिशंस की दावत? - Hindi Khabar Abtak - Hindi news, English News, Latest News in Hindi and English, Breaking News

Hindi Khabar Abtak - Hindi news, English News, Latest News in Hindi and English, Breaking News

Hindi Khabar Abtak brings you the latest news and videos from the Top Hindi Breaking News Studios in India. Stay tuned with the updated news in Hindi as Well as in English from India and the World. You can access videos and photos on your device with the Hindi Khabar Abtak.

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday, 19 January 2023

सफेद चने, स्‍प्राउट, सूप... कैसी होती है टॉप डाइटिशंस की दावत?

नई द‍िल्‍ली: डाइटिशन हमेशा ही हेल्दी खाना खाने को कहती हैं। पार्टीज में भी जाने पर हिदायत देती हैं कि यह चीज खानी है...यह नहीं खानी। देश की 4 बेहतरीन डाइटिशन से हमने यह जानने की कोशिश की कि जब उनके यहां पार्टी होती है तो वे खाना अपनी ऐसी सलाहों के हिसाब से बनाती हैं या फिर आम पार्टियों जैसा ही खाना? क्या इस चक्कर में मेहमानों के कमेंट तो नहीं सुनने पड़ते? इसी बारे में बता रहे हैं लोकेश के. भारतीडॉ. शिखा शर्मा(सीनियर न्यूट्री-डायट एक्सपर्ट)देश में बेहतरीन डाइटिशन की लिस्ट इनके बिना पूरी नहीं हो सकती। शिखा डाइटिशन के साथ MBBS डॉक्टर भी हैं। इसलिए इनकी बातों को ज्यादा गंभीरता से सुना और समझा जाता है। जब भी इनके यहां पार्टी होती हैं तो ज्यादातर लोग इसी उम्मीद में पहुंचते हैं कि खाना हेल्दी ही होगा। डॉ. शिखा कहती हैं, 'मेरे यहां जब पार्टी होती है तो लोग अनहेल्दी खाने की उम्मीद तो नहीं करते हैं, लेकिन यह जरूर है कि कुछ महिलाओं के पति कभी-कभी कह कहते हैं कि बटर चिकन और दाल मखनी के बिना पार्टी अधूरी है। हालांकि वे मजे लेने के लिए ही ऐसा कहते हैं, लेकिन बोल जरूर देते हैं। महिलाएं इस मामले में ज्यादा सचेत दिखने लगी हैं। मुझसे हर रेसपी की सामग्री और मसालों के बारे में पूछती रहती हैं। खासकर जब कुछ अलग और रुटीन से हटकर बनाती हूं।'क्या होता है बड़ी पार्टियों में?अगर मैंने पार्टी दी है तो मेरी ही चलती है। बात चाहे छोटी पार्टी की हो या फिर बड़ी की। हां, बड़ी पार्टी में कुछ ऑप्शन जरूर बढ़ जाते हैं, लेकिन अनहेल्दी फूड हरगिज नहीं। स्वाद का ध्यान जरूर रखते हैं, लेकिन सेहत को नजरअंदाज करके नहीं:- मशरूम, पालक, बादाम, लौकी आदि का सूप- बेक किया हुआ आलू और उसमें तिल को मिलाकर कटलेट- रागी के बेक किए हुए चिप्स- गाजर, चुकंदर को लंबाई में काटकर सलाद की तरह- ब्राउन राइस इडली- थाई करी- डेजर्ट में गुड़ या स्टीविया (नेचरल स्वीटनर) से बनी चीजें। चीनी बिलकुल नहीं। साथ ही डार्क चॉकलेट्सकैसी चीजें बिलकुल नहीं होतीं?मेरे यहां कभी भी डीप फ्राइ की हुई चीजें नहीं मिलेंगी। रिफाइंड वाली चीजें भी नहीं दिखेंगी। समोसा भी नहीं। इनके अलावा कोल्ड ड्रिंक्स कभी नहीं। इनसे बनी चीजें शरीर को धीरे-धीरे बेकार करती जाती हैं। ये स्लो पॉइजन की तरह हैं।किसी को डांट भी सुनाई?एक नजदीकी रिश्तेदार के बच्चों को मैं अक्सर कुरकुरे, चिप्स, मैगी आदि खाते हुए देखती थी। मैंने कई बार मना किया, लेकिन वे नहीं मान रहे थे। उनके पैरंट्स भी यह कहकर टाल देते थे कि थोड़ा-सा ही खा रहे हैं। इतनी कम मात्रा में खाने से क्या होगा? एक दिन मैंने डांटते हुए कहा कि इसे बंद करना ही होगा नहीं तो बाद में मुझे कुछ मत कहना कि पेट दर्द कर रहा है या खून की कमी हो रही है। इसके बाद चीजें बदलीं। आप यह जरूर जान लें कि मेरे यहां आजतक मैगी नहीं बनी है।ईशी खोसला(सीनियर डाइटिशन)इन्हें कई लोग भारत में ग्लूटन के प्रति जागरूकता की ब्रैंड ऐम्बैसडर कहते हैं। इन्होंने इस पर काफी काम किया है। दरअसल, ग्लूटन एक तरह का प्रोटीन है जो गेहूं, जौ आदि में मिलता है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 10 फीसदी से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्हें ग्लूटन इंटॉलरेंस है यानी ये गेहूं, जौ और इससे बनी चीजें पचा नहीं पाते। इस वजह से इन्हें बदहजमी, सिरदर्द, खून की कमी जैसी परेशानी होती है। ईशी खोसला ने इस पर कई किताबें भी लिखी हैं। इसलिए जब इनके यहां पार्टी होती है तो उसमें ग्लूटन वाली चीजें नहीं होतीं। क्या होता है बड़ी पार्टियों में?ईशी कहती हैं, 'मेरे यहां पार्टी में स्वाद भी होता है और सेहत का भी खासतौर पर ध्यान रखा जाता है। अगर कोई मेरे यहां पार्टी में आता है तो उसे पता होता है कि वह कहां जा रहा है। मैं ही मेन्यू तय करती हूं। साथ में, उनकी ज्यादातर सामग्री और मसाले। मैं कुक को बता देती हूं कि क्या बनेगा और उसे किस तरह बनाना है। वैसे तेल, घी का इस्तेमाल कम ही होता है। अगर इस्तेमाल करना ही है तो सिर्फ सरसों का तेल और देसी घी। दरअसल, मेरे यहां आने वाले इन्हीं चीजों की उम्मीद करते हैं।'- मेरे यहां समोसा, नान, पूरी, पराठे भी मिल सकते हैं, लेकिन ये ग्लूटन-फ्री और रिफाइंड-फ्री मिलेंगे।-मल्टिग्रेन आटे में भी गेहूं या जौ बिलकुल नहीं- चावल, रागी, बेसन से बनी चीजें खूब होंगी।- बेसन का चीला, इडली- सलाद अच्छी मात्रा में-नीबू और शहद वाली ब्लैक टी- छिलके वाली मूंग या मसूर दाल- कई तरह के जूस जिसमें गाजर, आंवला, चुकंदर, अमरूद और सेब आदि शामिल होते हैं- कम तेल में बनी फिश या चिकन- गुड़ में गाजर या मूंग का हलवा- नारियल से बनी चीजें, मौसमी सब्जियां आदि।कैसी चीजें बिलकुल नहीं होतीं?ग्लूटन वाले आइटम का सख्त परहेज रहता है। न ब्रेड, न गेहूं की रोटी, न नान। इसके अलावा रिफाइंड आइटम (मैदा आदि) नहीं होते। किसी को कभी डांट भी सुनाई?अब तो ऐसा नहीं होता, लेकिन कुछ बरस पहले तक जब मैं किसी पार्टी में जाती थी तो ग्लूटन वाली चीजें खाने के लिए लोग प्रेशर डालते थे। ऐसी ही एक पार्टी में मेरे मना करने पर मेरी एक रिश्तेदार ने मेरी प्लेट में गेहूं की चपाती दे दी। इस पर मैंने उन्हें सख्ती से कह दिया कि ऐसा आगे से न करें। आज भी जब वह मिलती हैं तो किसी न किसी तरह उस बात की चर्चा हो जाती है। वजह यही है कि जब मैं खुद इसके खिलाफ हूं तो मैं कैसे खा सकती हूं।परमीत कौर(चीफ डाइटिशन, AIIMS)मैं यह मानती हूं कि हेल्दी खाना चाहिए। खाने को हेल्दी बनाने में सही तेल का इस्तेमाल बहुत मायने रखता है। इसलिए मेरे यहां जब भी पार्टी होती है तो मैं इसका जरूर ध्यान रखती हूं। इसलिए मेरे घर में और पार्टी में भी सरसों और मूंगफली का तेल ही ज्यादातर इस्तेमाल होता है। इसके अलावा देसी घी में चीजें बनाई जाती हैं। चीजें ज्यादा स्पाइसी कभी नहीं होतीं। कोशिश रहती है कि भोजन सामान्य हो और सामान्य रूप से ही पेश किया जाए। वैसे अब लोग पहले की तुलना में ज्यादा सचेत हो गए हैं। खासकर कोरोना के बाद से तो लोग खानपान को लेकर काफी पूछताछ करने लगे हैं।क्या होता है बड़ी पार्टियों में?- सफेद चने के साथ सेब को चॉप करके साथ में सलाद तैयार होता है। - स्प्राउट्स- सूप (सब्जियों को मिलाकर, अजीनोमोटो कभी नहीं)- भुनी मूंगफली भी रखी जाती हैं- गेहूं की रोटी, मल्टीग्रेन और प्लेन ब्राउन राइस- कभी सामान्य पुलाव, जिसमें मटर और गाजर भी कुछ मात्रा में मिलाया जाता है। इसे तिरंगा पुलाव भी कह देते हैं- रोस्टेड नॉनवेज आइटम्स होते हैं- फ्रूट चाट, प्लेन कस्टर्ड- खीर (चावल, सेवई), कभी-कभी चीनी के साथ- गाजर का हलवा (गुड़ में बना) - फ्रूट जूस, नीबू पानी- मैं कभी सॉफ्ट ड्रिंक नहीं लेती। पार्टी में जब ऐसी स्थिति बनती है तो पानी ही लेती हूं। लेकिन कुछ लोग जब बहुत डिमांड करते हैं तो सॉफ्ट ड्रिंक रख देती हूं, लेकिन हिदायत भी दे देती हूं कि न लें।कैसी चीजें बिलकुल नहीं होतीं?मैं कभी भी ज्यादा तेल और ज्यादा मसाले में बनी चीजें इस्तेमाल नहीं करती। डीप फ्राई कभी नहीं। जंक फूड आइटम्स नहीं। रिफाइंड चीजों से भी परहेज रहता है।किसी को डांट भी सुनाई?अब ऐसी स्थिति तो नहीं बनती, लेकिन जब मेरी नई-नई शादी हुई थी तो ऐसा हुआ था। मेरी ससुराल में करेले को तेल में डीप फ्राई करके बनाया जाता था। मैंने अपने तरीके से हल्का तेल इस्तेमाल किया और पूरी तरह पकाने के लिए पानी डाला। जब डाइनिंग टेबल पर सभी लोग बैठे तो करेले की सब्जी को देखकर सभी मेरा चेहरा देखने लगे। कहने लगे कि ऐसे कौन पकाता है? मैंने कहा कि करेले को ऐसे ही पकाना चाहिए। फिर धीरे-धीरे उन लोगों को भी कम तेल में फ्राई की हुई चीजें खाने की आदत हो गई।नीलांजना सिंह(सीनियर डाइटिशन)उन्होंने डाइट को लेकर कई किताबें लिखी हैं। इनकी पहचान ऐसी डाइटिशन की रही है जो परंपरागत भोजन को ज्यादा पसंद करती हैं और भोजन को स्वादिष्ट के साथ हेल्दी बनाकर पेश करने के लिए जानी जाती हैं। वह कहती हैं, 'बाजार में पेटीज मिलती है जो डीप फ्राई होती है। उसमें आलू हुआ होता है। मैं इसे अपने घर पर बनाती हूं। उसमें मशरूम डालकर मशरूम पेटीज बनाती हूं। इसमें भी ज्वार, बाजरे के आटे को ही इस्तेमाल करती हूं। मेरे यहां जब पार्टी होती है तो उन्हें लगता है कि कुछ अलग और स्वादिष्ट के साथ हेल्दी मिलेगा खाने के लिए।'क्या होता है बड़ी पार्टियों में?- स्टीम्ड मोमोज़ में मैदा की जगह मल्टिग्रेन आटा (आजकल इसमें ज्वार और रागी ज्यादा) का इस्तेमाल करती हूं- चने की टिक्की- सूप में मशरूम और ब्रोकली को मिलाकर। टमाटर के सूप में धनिया डालकर तैयार करवाती हूं। कॉर्न के साथ गाजर व शिमला मिर्च का सूप भी होता है- मटर के साथ मखाने की सब्जी- विंटर ड्रिंक में बादाम, केसर, ग्रीन टी को मिलाकर कहवा तैयार करवाती हूं। कहवा कश्मीर का मशहूर पेय है- अदरक और शहद की चाय। कुछ लोग मसाला टी की मांग करते हैं तो वह भी होती है- रागी के बिस्किट होते हैं- ज्यादातर जगहों पर जहां गेहूं का इस्तेमाल होता है, वहां रागी और ज्वार का इस्तेमाल करती हूं- नॉनवेज में फिश, चिकन। लेमन चिकन और लेमन फिश बनवाती हूं। कई बार पालक चिकन भी बनता है- मीठे में केक बनाती हूं जिसमें ड्राई फ्रूट्स आदि का इस्तेमाल होता है।कैसी चीजें बिलकुल नहीं होतीं?खाना बनाने में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल नहीं करती। गेस्ट से कहती हूं कि डीप फ्राई वाली चीजें, कोल्ड ड्रिंक्स आदि नहीं मिलेंगी।किसी को डांट भी सुनाई?ऐसी स्थिति तो नहीं बनी। लेकिन एक बार कुछ गेस्ट हमारे यहां आए थे। वे ऐसी उम्मीद करके आए थे कि डाइटिशन के यहां जा रहे हैं तो घास-पात की तरह की चीजें ही खाने को मिलेंगी। इसलिए शुरू से ही बोल रहे थे कि वे खाना खाकर आए हैं और कुछ नहीं खाएंगे। फिर भी मैं उनके पास कुछ फूड आइटम्स लेकर पहुंची और कहा कि कुछ टेस्ट कर लो। जब उन्होंने फूड आइटम्स देखे और टेस्ट किए तो अचानक डिमांड बढ़ गई। उन्होंने सभी आइटम्स को अच्छी तरह खाया और यह भी बताया कि वे क्या उम्मीद कर रहे थे और उन्हें कितनी स्वादिष्ट चीजें मिलीं। दरअसल, ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि हेल्दी चीजें स्वादिष्ट नहीं होतीं जबकि ऐसा नहीं है।


from https://ift.tt/yuv8MFz

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad