जयपुर: प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड पिछले कुछ सालों में करोड़ों रुपए कमा चुके हैं। इस काली कमाई के जरिए उन्होंने जयपुर में करोड़ों रुपए के आलीशान बंगले बनाए। बंगले को लग्जरी सुविधाओं से सुसज्जित हैं। पेपर लीक माफियाओं की कोचिंग ध्वस्त करने के बाद माफियाओं के मकानों को ध्वस्त करने की तैयारी की गई। आरोपी सुरेश ढाका के वैशाली नगर स्थित मकान में कोई अवैध निर्माण नहीं मिला। ऐसे में ढाका के मकान तो ध्वस्त नहीं किया जाएगा। दूसरे आरोपी भूपेन्द्र सारण के बंगले में अवैध निर्माण किया हुआ पाया गया। ऐसे में जेडीए ने इसे ध्वस्त करने से पहले मकान मालिक को नोटिस थमाया है। इसी बीच मकान मालिक (भूपेंद्र सारण के भाई गोपाल सारण) ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट की शरण ले ली।
अब कोर्ट के आदेश के बाद जेडीए कर सकेगा कार्रवाई
अवैध निर्माण के कारण मंगलवार 10 जनवरी को जेडीए की टीम भूपेन्द्र सारण के घर पहुंची और नोटिस चस्पा किया। दो दिन में जवाब देने के निर्देश दिए गए लेकिन बुधवार शाम तक नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला। गुरुवार 12 जनवरी को जेडीए की ओर से मकान मालिक को लीगल नोटिस जारी करते हुए शाम 5 बजे तक मकान खाली करने के निर्देश दिए। इसी बीच मकान मालिक के वकील ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका लगा दी। 13 जनवरी शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई होगी। पेपर लीक माफिया भूपेन्द्र सारण के बंगले पर कार्रवाई अब जेडीए ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले के बाद ही तय होगी। पहले ऐसे माना जा रहा था कि शुक्रवार सुबह जेडीए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा लेकिन अब कुछ समय के लिए कार्रवाई टल गई है।जानें किस मामले में सुर्खियों में भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका
सेकेंड ग्रेड भर्ती परीक्षा के तहत 24 दिसंबर को होने वाली सामान्य ज्ञान की परीक्षा का पेपर लीक करने वाला गिरोह पुलिस की गिरफ्त में आया था। गिरफ्तार किए गए दलालों और अभ्यर्थियों से हुई पूछताछ में जयपुर की अधिगम कोचिंग सेन्टर के मालिक सुरेश ढाका और भूपेन्द्र सारण का नाम सामने आया था। ये दोनों आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से दूर है। जेडीए ने 9 जनवरी को इन आरोपियों की कोचिंग अधिगम की इमारत को ध्वस्त कर दिया था।नियमानुसार भूपेंद्र के बंगले में खामियां
अब भूपेन्द्र सारण के रजनी विहार स्थित बंगले पर कार्रवाई की जानी है। जेडीए के प्रवर्तन नियंत्रक रघुवीर सैनी ने बताया कि भूखंड के मालिक भूपेन्द्र सारण और उसके भाई गोपाल सारण ने जीरो सैटबेक पर इमारत खड़ी कर ली। नियमानुसार भूखंड के फ्रंट में 15 फीट और ब्रेक साइड में 8.3 फीट की जगह छोड़नी चाहिए थी। आरोपियों ने पूरी जमीन को कवर कर लिया। मकान के आगे 4 फीट सरकारी जमीन पर भी रैम्प और अन्य निर्माण करके कब्जा कर लिया। मकान निर्माण की अनुमति 8 मीटर की ही है, जबकि आरोपियों ने दो मंजिल अतिरिक्त निर्माण कर लिया। (रिपोर्ट- रामस्वरूप लामरोड, जयपुर)from https://ift.tt/RQNVBJb
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