गुरुग्राम: दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति सीमा बढ़ाई जा सकती है। एक्सप्रेसवे के शुरू होने पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) स्पीड को लेकर अध्ययन करेगा और इसकी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजा जाएगा। फिलहाल इसपर कार, जीप, वैन व हल्के वाहन 120 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगे और बस 100 किलोमीटर प्रतिघंटा और माल ढोने वाले वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगे। वहीं जिन राज्यों से होकर यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा, वहां के ट्रेडिशनल खानपान के साथ संस्कृति के बारे में लोग जानें इसकी व्यवस्था भी वहां बने रेस्ट एरिया में उपलब्ध होगी।
स्पीड का होगा अध्ययन
दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोत सेक्शन का लोकार्पण रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। लोकार्पण समारोह में जाने से पूर्व केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोहना के अलीपुर में बने कंट्रोल रूम का अवलोकन किया था। केंद्रीय मंत्री ने वाहनों की स्पीड पर चर्चा करने के दौरान NHAI अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक्सप्रेसवे पर वाहनों की स्पीड को लेकर भी अध्ययन करें, ताकि पता रहे कि कितने किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ सकती है।दूरी का रखना होगा ध्यान
इस पर हादसे से बचने के लिए ड्राइविंग के दौरान हर समय अलर्ट रहने के साथ आगे चल रहे वाहन से उचित दूरी का ध्यान रखना है। एक्सप्रेसवे पर फोर वीलर को 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चला सकते हैं। वहीं इस एक्सप्रेसवे पर इतनी स्पीड में चलने वाले वाहनों के बीच की दूरी सामान्य एक्सप्रेसवे की तुलना में चार गुना ज्यादा रखी गई है। हाई स्पीड में चलने वाले वाहनों के बीच ढाई सौ मीटर की दूरी होना जरूरी है। ऐसे में जरूरी है कि आगे चल रहे वाहन से आपके वाहन की दूरी करीब 250 मीटर दूरी बनी रहे।हर 50 किलोमीटर पर रुक सकेंगे
इस एक्सप्रेसवे पर 247 किलोमीटर के बीच में हर 50 किलोमीटर के बीच में एक स्टॉपेज भी दिया गया है। जहां पर सफर करने वाले रुक कर आराम भी कर सकते हैं। साथ में रहने का बंदोबस्त भी किए जा रहे हैं व इसके अलावा ईटिंग जॉइंट्स मॉडर्न तरीके से तैयार किए जा रहे हैं। रेस्ट एरिया की शुरुआत करीब दो माह में हो सकती है। वहीं यहां लोगों को लोगों का अलग अलग राज्यों की संस्कृति के बारे में जानने के साथ वहां के प्रसिद्ध व्यंजन का स्वाद चखने मिल सकेगा। दूसरी ओर जगह-जगह लगने वाले हाट बाजारों में अलग-अलग राज्यों के हस्तशिल्प कलाकारों के उत्पाद मिल सकेंगे।from https://ift.tt/sB0zuyc
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