जोशीमठ के पहाड़ में 24 दिसंबर, 2009 को एक टनल बोरिंग मशीन ड्रिलिंग ने एक एक्वीफर (जलभृत) को पंक्चर कर दिया। यह वहां सेलंग गांव से तीन किलोमीटर की दूरी पर हुआ। नतीजतन 700-800 लीटर प्रति सेकंड की दर से पानी छोड़ा गया। यह पानी 20-30 लाख लोगों की प्रतिदिन की जरूरत के लिए पर्याप्त था। इसके बाद जोशीमठ में भूजल स्रोत सूखने लगे।
from https://ift.tt/d6qKDzl
Post Top Ad
Responsive Ads Here
Friday, 17 February 2023
Home
NBT Home
'जोशीमठ जैसी घटनाओं को रोकना है तो आइजोल से सीखें, क्लाइमेट चेंज का खयाल कर बनें मास्टरप्लान'
'जोशीमठ जैसी घटनाओं को रोकना है तो आइजोल से सीखें, क्लाइमेट चेंज का खयाल कर बनें मास्टरप्लान'
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Post Bottom Ad
Author Details
Hindi Khabar Abtak brings you the latest news and videos from the Top Hindi Breaking News Studios in India. Stay tuned with the updated news in Hindi as Well as in English from India and the World. You can access videos and photos on your device with the Hindi Khabar Abtak.
No comments:
Post a Comment