लखनऊ: उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट आम लोगों के फायदे को प्रदर्शित करने वाला हो सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए इस बजट में कई बड़ी घोषणाएं हो सकती है। प्रदेश में किसानों को ध्यान में रखकर फैसले बजट में होने की उम्मीद की जा रही है। केंद्र सरकार ने आम बजट 2023-24 में आम लोगों और मिडिल क्लास पर फोकस किया था। आयकर की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपए की गई। कुछ इसी प्रकार के लोक-लुभावन फैसले यूपी के बजट में भी देखने को मिल सकते हैं। किसानों, युवाओं को लेकर बजट में बड़ी घोषणा होने की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले दिनों संपन्न हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेश प्रस्तावों की भी झलक बजट में टिक सकती है। निवेश प्रस्तावों के जरिए यूपी सरकार प्रदेश में 94 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा करने की बात सरकार पहले कर चुकी है। हालांकि, इन निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतरने में समय लगेगा। यूपी के बजट में प्रदेश के लोगों को लेकर कई योजनाओं को राशि आवंटित किए जाने का फैसला हो सकता है।
बजट आकार बढ़ने से होगा फायदा
योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में यूपी का बजट लगातार बढ़ा है। गैर योजना मद के साथ-साथ योजना मद पर भी बजट का आवंटन हुआ है। केंद्र सरकार की ओर से चलने वाली योजनाओं को लेकर राज्य सरकार की हिस्सेदारी का आवंटन में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। योजनाओं को पर्याप्त बजट मिलने के कारण इसको गति देने में कामयाबी मिल रही है। अनुमान जताया जा रहा है कि योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 7 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश कर सकती है। बजट आकार बढ़ने से सीधे आम लोगों को फायदा नहीं मिलता है। ऐसे में सरकार की ओर से कुछ लोक-लुभावन योजनाओं को बजट आवंटित किया जा सकता है। राज्य सरकार के स्तर से वेतन वृद्धि या टैक्स में कमी जैसे ऐलान नहीं होते हैं। लेकिन, सरकार मुफ्त अनाज जैसी कोई योजना को धन आवंटित कर सीधे आम लोगों को फायदा पहुंचाने जैसे कार्यक्रम की घोषणा कर सकती है।यूपी में हर व्यक्ति पर 26 हजार का कर्जा
यूपी सरकार का बजट बढ़ने के बावजूद आम लोगों को बड़े स्तर पर फायदा होता नहीं दिख रहा है। वर्ष 2017-18 में प्रदेश सरकार पर 4.45 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। यह वित्तीय वर्ष 2020-21 में बढ़कर करीब 5.65 लाख करोड़ रुपए हो गया। अगर प्रदेश के हर व्यक्ति पर कर्ज का हिसाब लगाया जाए तो यह करीब 26 हजार रुपए बनता है। कमाई कम होने और खर्च बढ़ने की स्थिति में कर्ज का बोझ बढ़ता जाता है। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट यानी वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6 लाख 15 हजार 518.97 करोड़ का बजट पेश किया था। दिसंबर 2022 में सरकार ने 33769.54 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक बजट 2021-22 के बजट से 10 फीसदी अधिक था। वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट आकार 5.5 लाख करोड़ रुपए था।चुनावी समीकरण साधने का होगा प्रयास
सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से चुनावी समीकरण को साधने के लिए कई बड़ी घोषणा हो सकती है। बजट सत्र की शुरुआत के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि यह बजट प्रदेश की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला होगा। इसके बाद से माना जा रहा है कि के फोकस में लोकसभा चुनाव 2024 होगा। योगी सरकार बजट के जरिए चुनावी समीकरण को साधने की कोशिश की जसएगी। पार्टी की ओर से मिशन 80 तैयार किया गया है। बजट 2023 में इसकी नींव देखने को मिल सकती है। जिला स्तर पर इसको लेकर नई योजनाओं की सौगात दी ज सकती है। पिछले बजट में 39 हजार करोड़ से अधिक का बजट आवंटन नई योजनाओं के लिए किया गया था। इस बार आकार बड़ा होगा।किसानों और युवाओं पर फोकस
यूपी बजट 2023 में युवाओं और किसानों पर विशेष फोकस होगा। गन्ना किसानों को लेकर बजट में बड़ी घोषणा हो सकती है। गन्ना किसानों के नाराजगी का मामला पिछले दिनों सामने आया था। खतौली विधानसभा उप चुनाव में हार की बड़ी वजह इसे माना गया। उनके बकाए आवंटन को लेकर नीति की घोषणा भी हो सकती है। साथ ही, गन्ना खरीद के समर्थन मूल्य में वृद्धि को लेकर भी बजट में राशि का प्रावधान किया जा सकता है। इसके अलावा युवाओं के रोजगार में वृद्धि को लेकर भी बजट में कुछ नए प्रावधान किए जा सकते हैं। महिलाओं को लेकर कुछ नई घोषणा होने की उम्मीद है।from https://ift.tt/YIPjpiQ
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