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Thursday, 9 February 2023

नए जिलों का ऐलान नहीं हुआ तो कई विधायक हो सकते हैं नाराज, चुनावी साल में क्या करेंगे सीएम गहलोत?

जयपुर: राजस्थान का बजट (Rajasthan Budget 2023) आज पेश होना है। बजट पेश होने के बाद इस चुनावी साल में मुख्यमंत्री () की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसका कारण बनेगा नए जिलों के गठन का मुद्दा। दरअसल, प्रदेश के कई विधायक अपने-अपने क्षेत्र में नए जिले बनाने की मांग कर रहे हैं। हर बार सरकार कमेटी का गठन करके मामले को टाल देती है। इस बार गहलोत सरकार पर विधायकों का काफी दबाव है। पिछले बजट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की मांग को देखते हुए सेवानिवृत आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जो जिला बनाने के प्रस्तावों पर विचार विमर्श करके सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। बीते एक साल में इस कमेटी के पास 60 प्रस्ताव पहुंचे। नए जिलों के मापदंड के आधार पर इस कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। अब 10 फरवरी यानी आज सरकार की ओर से पेश होने वाले बजट में नए जिलों के गठन की घोषणा पर विशेष नजर रहेगी।

60 प्रस्ताव मिले, 10 फीसदी भी पूरे होना मुश्किल

नए जिलों के गठन के लिए बनाई गई कमेटी को दर्जनों विधायकों ने मांग पत्र सौंपे। अपने-अपने इलाकों में नए जिलों के गठन की मांग की। यह तो तय है सत्ता पक्ष को विपक्ष के विधायकों की ओर से की गई मांग के अनुसार नए जिले नहीं बनाए जा सकते। नए जिले बनाने की मांग पिछले कई सालों से चल रही है लेकिन भौगोलिक स्थिति और प्राशासनिक प्रावधानों को देखते हुए हर विधायक की मांग को पूरा किया जाना संभव नहीं होता। बीते एक साल में सरकार की ओर से गठित कमेटी को 60 प्रस्ताव मिले जिनमें नए जिले बनाने की मांग की गई। इनमें से अधिकतर जिलों की मांग सत्ता पक्ष के विधायकों ने की है। यह तो तय है कि 60 नए जिले नहीं बनाए जा सकते। ऐसे में अधिकतर विधायकों का नाराज होना लाजमी है। पिछले कुछ दिनों से चर्चाएं चल रही कि प्रदेश में 6 नए जिलों का ऐलान हो सकता है लेकिन सच्चाई क्या है, इसका पता शुक्रवार 10 फरवरी को चलेगा।

15 साल से कोई नया जिला नहीं बना

राजस्थान में फिलहाल 33 जिले हैं। 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ प्रदेश का अंतिम जिला बना था। यह उदयपुर संभाग में है। प्रदेश के कई अन्य जिलों के विभिन्न शहरों में भी नया जिला बनाए जाने की मांग विधायकों की ओर से उठाई गई है। नए जिलों के गठन की मांग को लेकर पिछले दो साल में काफी बयानबाजी हुई। सत्ता पक्ष के विधायक मदन प्रजापत पिछले एक साल से नंगे पैर चल रहे हैं। बालोतरा को जिला बनाने की मांग करते हुए मदन प्रजापत ने प्रण लिया है कि जब तक बालोतरा को जिला नहीं बनाया जाएगा तब तक वे पैर में जूते चप्पल नहीं पहनेंगे। मंत्री राजेन्द्र यादव भी पिछले दिनों धमकी दे चुके हैं कि अगर कोटपूतली को जिला नहीं बनाया तो वे विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे। सत्ता पक्ष के और भी कई विधायक हैं जो नए जिले के गठन की मांग करते हुए सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।

इन विधायकों ने उठाई है नए जिलों के गठन की मांग

- मंत्री राजेन्द्र यादव कोटपूतली को जिला बनाने की मांग करते हुए इस्तीफे की धमकी दे चुके हैं।- कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत बालोतरा को जिला बनाने की मांग करते हुए पिछले एक साल से नंगे पैर घूम रहे हैं।- बीएसपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा उदयपुरवाटी को नया जिला बनाने की मांग कर रहे हैं।- कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी नीम का थाना को नया जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए सुरेश मोदी ने पिछले महीने हजारों लोगों के साथ सीकर से लेकर जयपुर तक पैदल मार्च भी निकाला और जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना दिया।- प्रदेश के और कई शहर हैं जिन्हें स्थानीय विधायक जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। इनमें अजमेर जिले के ब्यावर और किशनगढ़, जोधपुर जिले के फलौदी, नागौर जिले के कुचामन, नावां और डीडवाना, जयपुर जिले के दूदू और फुलेरा, चूरू जिले के सुजानगढ़, भरतपुर जिले के बयाना का नाम प्रमुख है।

रिपोर्ट- रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर



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