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Sunday, 16 April 2023

भारतीय बाजार की तरफ क्यों खिंचे चले आ रहे विदेशी? अप्रैल में जमकर किया निवेश

नई दिल्ली : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 8,767 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति को देखते हुए आगे चलकर एफपीआई प्रवाह में उतार-चढ़ाव जारी रहने के आसार हैं। कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने यह बात कही। फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे से संकेत मिलता है कि अमेरिकी वित्तीय प्रणाली की स्थिरता में भरोसा करते हुए आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है।

8,767 करोड़ रुपये मार्केट में डाले

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने तीन से 13 अप्रैल के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 8,767 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले मार्च में एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 7,936 करोड़ रुपये डाले थे। इस राशि में ज्यादातर हिस्सा अडानी समूह की कंपनियों में अमेरिका के जीक्यूजी पार्टनर्स से आया था। यदि अडानी समूह की कंपनियों में आए निवेश को निकाल दिया जाए, तो पिछले महीने में शुद्ध प्रवाह नकारात्मक बैठेगा।

भारत बना हुआ है सबसे आकर्षक

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अप्रैल में अभी तक उभरते बाजारों में एफपीआई के लिए भारत सबसे आकर्षक गंतव्य रहा है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट को लेकर चिंता कम होने के बीच वैश्विक परिदृश्य स्थिर हुआ है। इस वजह से भारत में एफपीआई का प्रवाह बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत में शेयरों का मूल्य अब उचित स्तर पर आ गया है, जिसकी वजह से एफपीआई यहां पैसा लगा रहे हैं।

बीते साल निकाले थे 37,631 करोड़ रुपये

एफपीआई ने इससे पहले 2022-23 में भारतीय शेयर बाजारों से 37,631 करोड़ रुपये निकाले थे। वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक तरीके से दरें बढ़ाने के बीच एफपीआई बिकवाल रहे थे। 2021-22 में एफपीआई ने भारतीय बाजार से 1.4 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड निकासी की थी। वहीं, 2020-21 में एफपीआई ने शेयरों में 2.7 लाख करोड़ रुपये और 2019-20 में 6,152 करोड़ रुपये डाले थे। अप्रैल में अब तक एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से 1,085 करोड़ रुपये निकाले हैं।


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