जयपुर : पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की ओर से भ्रष्टाचार के मामले को लेकर 11 अप्रैल को अनशन किया। अनशन भले ही समाप्त हो गया। लेकिन इसके बाद जो सियासी संकट छाया हुआ है, उसका गतिरोध अभी भी बना हुआ है। पायलट ने अनशन समाप्ति के दौरान कहा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। दूसरी ओर पायलट दो दिन बाद भी दिल्ली में अपना डेरा जमाए हुए हैं। पायलट के दिल्ली में नेताओं से मुलाकात के बाद भी न तो कोई निष्कर्ष निकल पाया हैं। न अभी तक पायलट के अनशन को लेकर हाईकमान ने कोई कार्रवाई की है। फिलहाल सियासी भंवर जस का तस बना हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर हाईकमान से बातचीत के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो पायलट का अगला कदम क्या होगा।
अनशन पर क्या होगा एक्शन ?
जयपुर में पायलट के हुए अनशन के बाद राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पायलट काफी से नाराज नजर आए। उन्होंने पायलट के अनशन को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि वे भी मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे, तो क्या पायलट की तरह अनशन या पार्टी विरोधी गतिविधि करते। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। रंधावा इस मामले में पायलट की अनुशासनहीनता पर कार्रवाई की दो बार धमकी दे चुके हैं। दूसरी ओर इस मामले को लेकर रंधावा राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खडगे को अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं। अब देखना है कि रंधावा की रिपोर्ट के बाद क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष पायलट के खिलाफ कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं।2 दिन के बाद भी अब तक नहीं बनी बात
जयपुर में अनशन करने के बाद सचिन पायलट उसी रात हाईकमान के बुलावे पर दिल्ली पहुंच गए। इस दौरान गुरुवार को भी पायलट का नेताओं से मिलने-मिलाने का सिलसिला जारी रहा। पायलट ने इस दौरान कांग्रेस के महासचिव वेणुगोपाल से मिलकर अपना पक्ष रखा। इसके बाद पायलट ने राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी मुलाकात की है। दो दिनों तक पायलट की हाईकमान के नेताओं से मुलाकात के बाद अभी तक कांग्रेस के किसी भी नेता का कोई बयान नहीं आया है। दूसरी ओर रंधावा की रिपोर्ट के बाद भी अभी तक कोई स्थिति स्पष्ट नही हो पा रही हैं कि पायलट के अनशन को लेकर हाईकमान किसी निर्णय पर पहुंचा हो। हालांकि इन सभी हलचलों के बीच लोगों के मन में एक ही सवाल कौंध रहा है कि क्या राजस्थान एक बार फिर सियासी संकट की परिस्थिति से जूझ सकता है।प्रियंका वाड्रा पायलट को लेकर कर सकती है दखल
पायलट शुरू से ही प्रियंका वाड्रा के करीबी माने गए हैं। माना जा रहा है कि अनशन के बाद पायलट प्रियंका वाड्रा के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि प्रियंका वाड्रा राजस्थान में गहराए सियासी संकट की स्थिति में सुलह का सेतु बना सकती है। एक बार पहले भी पायलट और गहलोत के बीच हुए बवाल के दौरान भी प्रियंका वाड्रा ने दखल देकर दोनों में सुलह करवाई थी। ऐसे में इस बार भी यही माना जा रहा है कि प्रियंका वाड्रा एक बार फिर इस मामले में दखल कर सकती है।from https://ift.tt/457RGNA
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