मुंबई: सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में भाग लेने के लिए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे 12 जून को पटना जाएगा। यह जानकारी शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को दी। राउत ने कहा कि नीतीश कुमार की पहल पर सभी समान विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आ रही हैं, इसीलिए उद्धव ठाकरे भी पटना में इस बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रयास यह होगा कि लोकसभा की ज्यादातर सीटों पर बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक ही उम्मीदवार खड़ा किया जाए।
लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव
वहीं सांसद संजय राउत और एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ राज्य विधानसभा चुनाव की पूरी संभावना है। इतना ही नहीं, 2024 में केंद्र में गठबंधन की सरकार बनेगी। राउत ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि 2024 के बाद देश गठबंधन-युग की राजनीति में वापस आ जाएगा। एक अन्य बयान में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले और विपक्ष के नेता अजित पवार ने भी कहा है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ होंगे तो भी एमवीए एकजुट होकर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।'मोदी इफेक्ट तो चुनाव बताएगा'
राउत ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर बीजेपी को मोदी के नौ साल के कामकाज का इफेक्ट देखना है, तो तत्काल चुनाव करा के देख लो। राउत ने कहा, मैं उन्हें मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर सहित 14 प्रमुख महानगरपालिकाओं के चुनाव कराने की चुनौती देता हूं, यह उनकी ताकत पर सत्तारूढ़ गठबंधन के दावों को स्पष्ट करेगा।शिंदे के विधायक संपर्क में
संजय राउत ने बुधवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के 22 विधायक और नौ सांसद उनके साथ बीजेपी के सौतेले व्यवहार से घुटन महसूस कर रहे हैं और शिंदे का साथ छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन विधायकों ने उद्धव ठाकरे को छोड़ने की गलती की है और उन्हें इसे निपटना होगा। शिंदे गुट के लोगों को बीजेपी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ना होगा। राउत ने इसे पहले अखबार में शिंदे के विधायकों और सांसदों को 'बीजेपी के पिंजरे में कैद मुर्गे-मुर्गियां' करार दिया और कहा कि इनके 'गले पर कब छुरियां चल जाएं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।'from https://ift.tt/JzCv70n
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