बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आखिरकार फैसले की घड़ी आ गई है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले में जेडीएस अहम कड़ी साबित हो सकती है। वोटों की गिनती राज्यभर के 36 केंद्रों में सुबह 8 बजे शुरू होगी। बीजेपी सत्ता बदलने की 38 साल पुरानी परंपरा तोड़ने की उम्मीद में है। वहीं, कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है ताकि वह इसका इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में नया जोश भरने के लिए कर सके। यह भी देखना होगा है कि त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में क्या सरकार बनाने की चाबी पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा की जेडीएस के पास होगी? ज्यादातर एग्जिट पोल ने कांग्रेस को बढ़त दिखाई है, जबकि कुछ ने हंग असेंबली की संभावना का भी संकेत दिया है।
क्या कहते हैं एग्जिट पोल के नए आंकड़े
चुनाव नतीजे आने से ऐन पहले एग्जिट पोल के आंकड़े बदले दिख रहे हैं। सी वोटर ने एग्जिट पोल के फाइनल आंकड़ों को अपडेट किया है। इसमें पहले कांग्रेस क 100-112 सीटें दी गई थीं जिसे बढ़ाकर 120-140 सीटें कर दिया गया है। यानी कि कांग्रेस अब पूर्ण बहुमत के साथ कर्नाटक में सरकार बना सकती है। वहीं बीजेपी की सीटें कम होकर 59 से 79 रह गई है। इसके अलावा जेडीएस को 16 से 26 सीटें मिलती दिख रही हैं।आरक्षण और बजरंग दल के मुद्दे पर खूब हुआ शोर
कर्नाटक में इस बार कई मुद्दे चुनावी फैक्टर रहे जिसमें आरक्षण और बजरंग दल मुख्य रहा। चुनाव से ठीक पहले बोम्मई सरकार ने मुस्लिम समुदाय को दिए जाने वाला 4 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया और इसे वोक्कालिगा और लिंगायत में समान रूप से बांटने का फैसला किया। हालांकि वर्तमान में यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है जहां से मुस्लिम कोटा खत्म करने के फैसले पर रोक लगा दी गई है।कर्नाटक चुनाव का सबसे ताजातरीन मुद्दा बजरंग दल रहा जिसका असर नतीजों पर देखने को मिल सकता है। दरअसल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में पीएफआई के साथ हिंदूवादी संगठन बजरंग दल पर बैन लगाने का वादा किया। बीजेपी ने इसे लपकते हुए बजरंग बली से जोड़ दिया और कांग्रेस पर भगवान हनुमान का अपमान का आरोप लगाया। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान यह मुद्दा छाया रहा और पीएम मोदी ने रैलियों में बजरंग बली के नारे लगाते हुए कांग्रेस को घेरा।मिशन 2024 के लिए कितना अहम कर्नाटक?
कर्नाटक का चुनाव 2023 के लोकसभा के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। कर्नाटक के चुनाव नतीजों को 2024 की जंग से भी जोड़ा जा रहा है। बीजेपी ने 2024 के लिए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से कर्नाटक का चुनाव बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। अगर बीजेपी चुनाव हारी तो अपना लक्ष्य हासिल करने में उसे दिक्कत आ सकती है।2019 में कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 25 सीटें जीती थीं जबकि एक उसके निर्दलीय प्रत्याशी ने जीती थी। वहीं अगर कांग्रेस को कर्नाटक में जीत मिली तो अगले साल चुनाव के लिए यह पार्टी में जान फूंकने जैसा होगा।ऑपरेशन लोटस के डर से कांग्रेस ने उठाया कदम
कर्नाटक में बीजेपी के ऑपरेशन लोटस से कोई चांस न लेते हुए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को बेंगलुरू पहुंचने और सरकार बनने तक एक खास जगह पर रहने का निर्देश दिया है। मतगणना के दिन से पहले यह एहतियाती कदम उठाया जा रहा है। एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है लेकिन भाजपा और कांग्रेस, दोनों दावा कर रहे हैं कि वे बहुमत हासिल कर लेंगे। सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टियां सत्ता हथियाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सकती हैं।141 सीटें जीतेगी कांग्रेस: शिवकुमार
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा कि पार्टी कम से कम 141 सीटें जीतेगी और बहुमत की सरकार बनाएगी। उन्होंने 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स' की वापसी की संभावना को भी खारिज करते हुए कहा कि यह युग 25 साल पहले खत्म हो गया। उन्होंने कहा, 'मुझे एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं है। मुझे 141 सीटों पर भरोसा है। हमारे पास पर्याप्त बहुमत होगा। मैं JDS के बारे में नहीं जानता, उन्हें अपनी बात खुद करने दें।'येदियुरप्पा के घर जुटे बीजेपी नेता
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलने का विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि दूसरे राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन के लिए बातचीत का सवाल ही नहीं उठता। बोम्मई ने शुक्रवार को बी. एस. येदियुरप्पा के आवास पर अन्य पार्टी नेताओं के साथ मुलाकात की। बोम्मई ने कहा, 'मेरा रुख एक जैसा और स्थिर रहा है कि हमें पूर्ण बहुमत मिलेगा। हमें सभी निर्वाचन क्षेत्रों और जिलों से अपनी जमीनी रिपोर्ट मिली है, कुछ जिलों में हमने बूथ-वार (डेटा) इकट्ठा किए हैं और हमें पूरा विश्वास है कि बहुमत तक पहुंच जाएंगे।'देवेगौड़ा की पार्टी की क्या होगी भूमिका?
कई अनुमानों में दावा किया गया है कि पहले की तरह एच. डी. देवेगौड़ा की पार्टी JDS 'किंगमेकर' बनकर उभर सकती है। सूत्रों ने खुलासा किया है कि कार्यकर्ताओं से जमीनी स्तर पर रिपोर्ट मिलने के बाद, एच. डी. कुमारस्वामी सिंगापुर के लिए निकल चुके हैं। वह सिंगापुर से ही राष्ट्रीय दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं। पार्टी नेता तनवीर अहमद ने कहा है कि दोनों राष्ट्रीय दल हम तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। हम सही समय पर कर्नाटक की बेहतरी के लिए फैसला लेंगे।'नवभारत टाइम्स से मिले इनपुट के साथfrom https://ift.tt/S5PCjpx
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