नई दिल्ली: देश में तेजी से स्टार्टअप (Startup) की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। कई स्टार्टअप (Startup) सफल होते हैं और कई नुकसान में चले जाते हैं। स्टार्टअप में सबसे जरूरी होता है फंड मिलना। बिजनस को आगे बढ़ाने के लिए फंडिंग मिलना जरूरी है। इससे बिजनस में काफी मदद मिलती है। लेकिन स्टार्टअप फंड को खर्च करने में कई गलतियां करते हैं। इससे बिजनस को काफी नुकसान उठाना पड़ जाता है। आज हम आपको ऐसी ही गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन गलतियों से बचना चाहिए। इससे स्टार्टअप (Startup) को और तेजी से सफलता दिलाई जा सकती है।
तैयारी में फंड खर्च न करना
प्रोडक्ट लाने से पहले डमी प्रोडक्ट मार्केट में नहीं ले जाते, उसकी कमी के बारे में कस्टमर का फीडबैक नहीं लेते हैं। सीधे कहें तो घर बैठे ही पूरे रेवेन्यू का 60 से 70 फीसदी तक खर्च कर देते हैं। किसी भी सेटअप को लाने से पहले अपने प्रोडक्ट की डमी और ब्रॉशर के साथ खुद या सेल्स पर्सन के साथ मार्केट में घूमें, सर्वे करें।क्रेडिट को समझना गैर-जरूरी
कच्चे माल को कैश में ही खरीदना क्योंकि कई लोगों को लगता है कि क्रेडिट यानी उधारी से बचना चाहिए। बता दें कि बिजनस के सिस्टम में क्रेडिट काफी अहम है। हर चीज को फौरन पेमेंट करके ही नहीं खरीदा जा सकता है।ऑफर का फायदा न उठाना
कई बार क्रेडिट नहीं लेने से बड़े ऑफर या फिर माल की खरीदारी में बड़ी छूट मिल जाती है। अगर ऐसी छूट बड़ी है तो उेस जरूर लेना चाहिए। कई कंपनियों का नेट प्रॉफिट 7 से 9 फीसदी तक रहता है। ऐसे में अगर कच्चा माल कैश में खरीदते समय 2 से 3 फीसदी या इससे ज्यादा छूट मिल रही है तो यह कंपनी के लिए बड़ा फंड हो जाता है।बड़ा ऑफिस स्पेस ले लेना
एक साथ कई कमरे रेंट पर लेना या ऑफिस के लिए बड़ा स्पेस लेना बहुत नुकसान करता है। अगर एक से दो कमरों में या फिर 700 से 1000 वर्ग फुट में काम चल जाएगा। ऐसे में दो हजार से तीन हजार वर्ग फुट ऑफिस स्पेस लेकर रेंटल पर इतना खर्च हरगिज नहीं करना चाहिए।ज्यादा स्टॉफ रखना
जरूरत से ज्यादा कर्मचारी हायर कर लेना और खुद को सिर्फ मालिक समझना ठीक नहीं है। इस बात को समझें कि जितना ज्यादा स्टॉफ रखेंगे उतनी ज्यादा सैलरी देनी होगी। वैसे भी नए स्टार्टअप के फंड का 70 से 80 फीसदी सैलरी पर ही जाता है।ब्रांडेड सामान पर जोर
हर चीज में ब्रांड खोजने पर खर्च दो से ढाई गुना तक बढ़ जाता है। यह समझना होगा कि अभी आपको अपने स्टार्टअप को पहले प्रॉफिट में लाना है। सैलरी, ऑफिस रेंट, आपकी सैलरी आदि से लेकर तमाम खर्चे कंपनी खुद देने की स्थिति में पहुंच जाए। एक बार कंपनी प्रॉफिट में आ गई तो ब्रांडेड सामान अपने आप आ जाएंगे।गैर जरूरी चीज पर खर्च
अगर जरूरी हो तभी महंगे सोफे और सीसीटीवी कैमरों पर खर्च करें। अगर काम चल जाए तो शुरू में एसी और सीसीटीवी आदि महंगे सामान लेने से बचना चाहिए। स्टार्टअप में शुरुआत में कंपनी को प्रॉफिट में लाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। फंड को इस हिसाब से ही खर्च करना चाहिए।from https://ift.tt/YTy6HEz
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