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Sunday, 7 May 2023

UP Politics: स्वार-छानबे विधानसभा सीट पर उम्मीदवार अपना दल का, दांव पर प्रतिष्ठा BJP की, 10 मई को होगा उपचुनाव

लखनऊ: यूपी में चल रहे शहरी निकाय चुनाव के बीच पक्ष-विपक्ष विधानसभा की अपनी-अपनी एक सीट बचाने और दूसरे की कब्जाने की लड़ाई लड़ रहा है। मीरजापुर की छानबे और रामपुर की स्वार विधानसभा का उपचुनाव बुधवार को होगा। इन सीटों पर चुनाव प्रचार सोमवार की शाम 6 बजे बंद हो जाएगा। स्वार सीट पर पहले सपा काबिज थी और छानबे में भाजपा की सहयोगी अपना दल(एस)। दोनों ही सीटों पर इस बार अपना दल का ही प्रत्याशी है, लेकिन दांव पर प्रतिष्ठा भाजपा की लगी है। नतीजों के नफा-नुकसान दोनों उसके ही खाते में जोड़े जाएंगे। बता दें कि इस दोनों सीट पर 10 मई को वोटिंग होगी और परिणाम 13 मई को घोषित किए जाएंगे।विधायक राहुल कोल के निधन से खाली हुई सीट पर अपना दल (एस) ने दिवंगत विधायक की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने सपा ने पिंकी कोल को टिकट दिया है जो राहुल कोल के खिलाफ भी चुनाव लड़ी थी। अपनी जीती हुई सीट को जीतने के लिए भाजपा गठबंधन यहां खूब पसीना बहा रहा है। अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उनके पति और प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल वहां लगातार डेरा जमाए हुए हैं। सोमवार को प्रचार के आखिरी दिन सीएम योगी आदित्यनाथ भी यहां सहयोगी दल के प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा करेंगे। वहीं, सपा का चुनाव प्रचार स्थानीय चेहरों के भरोसे है।

स्वार में आजम को याद आ रहे राम

यूपी का सियासी रुख व समीकरण तय करने में उपचुनावों के नतीजे अहम भूमिका निभाते हैं। स्वार का उपचुनाव इसी कसौटी पर कसा जाएगा। पूर्व मंत्री और सपा के कद्दावर नेता आजम खां रामपुर जिले में अपना आखिरी गढ़ बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। बेटे अब्दुल्लाह आजम की सदस्यता रद होने के चलते खाली हुई सीट पर सपा ने अनुराधा चौहान को उम्मीदवार बनाया है। करीब 21 साल बाद पार्टी ने यहां गैर-मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है। चूंकि दांव पर आजम का सियासी कद और रसूख है, इसलिए पसीना भी वही बहा रहे हैं। दिसंबर में हुए रामपुर विधानसभा उपचुनाव में तो सपा मुखिया अखिलेश यादव प्रचार के लिए पहुंचे भी थे लेकिन स्वार से फिलहाल सबकी दूरी बनी हुई है। मुस्लिम बहुल सीट पर हिंदू उम्मीदवार उतार ध्रुवीकरण की संभावनाओं को खत्म करने में लगी सपा के स्टार प्रचारक आजम जनता को राम की याद दिला रहे हैं। आजम बता रहे हैं कि महात्मा गांधी के आखिरी शब्द 'हे राम' थे और ब्रिटेन के म्यूजियम में रखी टीपू सुल्तान की अंगूठी पर भी राम लिखा हुआ है। ये उनको बताने की जरूरत है, जो नफरत का संदेश फैलाते हैं।

भाजपा गठबंधन की उम्मीदें मुखर

पांच महीने पहले आजम की सदस्यता रद होने से खाली हुई सीट रामपुर विधानसभा उपचुनाव में पहली बार कमल खिलाने वाली भाजपा की उम्मीदें स्वार से भी मुखर है। गठबंधन ने मुस्लिम चेहरे के तौर पर शफीक अहमद अंसारी को उतारा है जो कभी आजम के करीबी हुआ करते थे। रविवार को अनुप्रिया पटेल ने उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा भी की। गठबंधन बहुसंख्यकों के वोटों को लेकर तो आश्वस्त है ही, अल्पसंख्यक वोटों में भी सेंधमारी की आस लगाए हुए हैं। सीट गठबंधन के खाते में आई तो उसकी सियासी ताकत बढ़ेगी और सपा के खाते में गई तो आजम परिवार के सियासी भविष्य को संजीवनी मिलेगी।


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