बीजिंग : ताइवान जलडमरूमध्य से होकर गुजर रहे एक कनाडा-अमेरिकी संयुक्त मिशन के दौरान एक चीनी युद्धपोत अमेरिकी डिस्ट्रॉयर यूएसएस चुंग-हून के 150 गज तक करीब आ गया। इसे दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की ओर से एक और आक्रामक सैन्य कदम बताया जा रहा है। ग्लोबल न्यूज ने इसकी जानकारी दी और आंखों देखा हाल बयां किया है। कुछ दिनों पहले दक्षिण चीन सागर के ऊपर अमेरिका और चीन के दो विमान भी इसी तरह आमने-सामने आ गए थे और चीन के लड़ाकू विमान ने अमेरिकी प्लेन को 'झटका' दे दिया था।ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पीपुल्स लिबरेशन नेवी के एक जहाज ने तेज रफ्तार पकड़ी और चुंग-हून के ठीक आगे से कट गया। कनाडाई HMCS मॉन्ट्रियल के कमांडर कैप्टन पॉल माउंटफोर्ड ने इस कदम को 'नॉन प्रोफेश्नल' करार दिया है। उन्होंने बताया, 'चीनी जहाज ने रास्ता बदलने के बाद अमेरिकी जहाज को बुलाया और कहा कि आगे बढ़ो या टक्कर होगी। जवाब में अमेरिकियों ने चीनियों से जहाज से दूर रहने के लिए कहा लेकिन चुंग-हून को आखिरकार दुर्घटना से बचने के लिए रास्ता बदलने और रफ्तार धीमी करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
चीन ने रेडियो सिस्टम पर दी थी चेतावनी
माउंटफोर्ड का मानना है कि घटना 'चीन की तरफ से स्पष्ट रूप से उकसावा' था। चुंग-हून और मॉन्ट्रियल ताइवान जलडमरूमध्य में प्रवेश करने से पहले करीब एक हफ्ते से दक्षिण चीन सागर में एक साथ यात्रा कर रहे हैं। माउंटफोर्ड के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त जल में संयुक्त मिशन होने के बावजूद चीन ने रेडियो सिस्टम पर कनाडाई और अमेरिकी दोनों जहाजों को बताया कि वे चीनी क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं।जब आमने-सामने चीन और अमेरिका के विमान
बीते दिनों अमेरिका के यूएस आरसी-135 मिलिट्री प्लेन को चीनी जे-16 फाइटर जेट की पैंतरेबाजी के चलते टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा था। ट्विटर पर शेयर एक वीडियो में अमेरिकी प्लेन की विंडो से चीनी लड़ाकू विमान को देखा जा सकता है। कुछ सेकेंड बाद चीनी विमान अपनी दिशा बदल देता है और टर्बुलेंस के चलते आरसी-135 का कॉकपिट हिलने लगता है। दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बताने वाला चीन कह चुका है कि इस क्षेत्र में अमेरिका की ओर से विमान या जहाज भेजना शांति के लिए अच्छा नहीं है।from https://ift.tt/ziA5m0S
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