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Monday, 3 July 2023

कय एकनथ शद स कनर करन क तयर म ह बजप महरषटर सरकर म अजत पवर क एटर क मयन समझए

नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियायत में सुनामी आई है। एनसीपी में दो फाड़ हो चुके हैं। एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए हैं। उन्होंने रविवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। अजित पवार की बगावत से शरद पवार को तो बड़ा झटका लगा ही है, पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल भी सन्न रह गए हैं। उधर महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार की एंट्री के बाद सीएम एकनाथ शिंदे गुट भी टेंशन में दिख रहा है। राजनीति गलियारों में चर्चा हो रही है कि एकनाथ शिंदे के कामकाज से बीजेपी खुश नहीं है, ऐसे में अजित पवार की एंट्री के बाद एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री पद पर बना रहना मुश्किल लग रहा है। वहीं कहा जा रहा है कि अजित पवार के सरकार में आने से शिवसेना (शिंदे गुट) नाराज है। ऐसे में अब शिवसेना यानी एकनाथ शिंदे गुट को मनाने की कवायद शुरू हो गई है। चर्चा चल रही है कि महाराष्ट्र में जल्द ही एक और कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा।

'ट्रिपल इंजन' सरकार में शिंदे क्या रोल रहेगा?

महाराष्ट्र में अब 'ट्रिपल इंजन' सरकार है। जिसमें शिवसेना (शिंदे गुट), बीजेपी और अजितपवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है। इस नए गठबंधन वाली सरकार को 'महायुति' सरकार का नाम दिया गया है। इस नए गठबंधन के बनने के साथ ही एकनाथ शिंदे को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जैसे नया गठबंधन मुख्यमंत्री शिंदे को प्रभावित करेगा? अजित पवार की बगावत का महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए क्या मतलब है? क्या अजित पवार एकनाथ शिंदे के लिए खतरा हैं? एनसीपी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा है कि कि अजित पवार की एंट्री के बाद एकनाथ शिंदे की शक्ति कम हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि 'कुछ लोगों को शिंदे के काम करने का तरीका पसंद नहीं आया। पाटिल ने कहा, 'अब शिंदे के महत्व को कम करने के लिए अजीत पवार को सरकार में शामिल किया गया है जो पहले से ही बहुमत में है।' इसी तरह का दावा शिव सेना (उद्धव ठाकरे) ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में किया। उसमे लिखा है कि 'अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रिकॉर्ड बनाया है। पर इस बार 'सौदा' मजबूत है। पवार वहां डिप्टी सीएम पद के लिए नहीं गए हैं।'

क्या अयोग्य ठहरा दिए जाएंगे शिंदे गुट के विधायक?

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, संपादकीय में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सेना के बागी विधायकों को जल्द ही अयोग्य ठहराया जाएगा और पवार की ताजपोशी होगी। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने यह भी कहा कि शिंदे और अन्य विधायक जिन्होंने पिछले साल अविभाजित शिवसेना में विभाजन कराया, जिससे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई, उन्हें अयोग्य ठहराया जाएगा।एनडीटीवी से बात करते हुए चव्हाण ने कहा, 'अगर वे अयोग्य हो जाते हैं, तो हमें एक नए मुख्यमंत्री की जरूरत होगी। अब क्या बीजेपी ने अजित पवार को यह वादा दिया है कि वह एकनाथ शिंदे की जगह लेंगे? हम नहीं जानते हैं।'

क्या शिंदे गुट और बीजेपी के बीच टेंशन है?

पिछले कुछ महीनों में शिंदे के नेतृत्व वाली सेना और बीजेपी के नेताओं ने एक-दूसरे को परेशान करने वाली टिप्पणियां की हैं। ये तनाव तब और बढ़ गया जब शिवसेना (शिंदे) ने एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए महाराष्ट्र के अखबारों में एक विज्ञापन दिया, जिसमें कहा गया कि शिंदे मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा शख्स थे। इसने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के महत्व को भी कम कर दिया, जिससे भाजपा और अधिक परेशान हो गई। अपने गठबंधन सहयोगी को खुश करने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार के लिए लोगों की पसंद को उजागर करने के लिए बाद में एक और विज्ञापन प्रकाशित किया गया जिसमें फड़नवीस की तस्वीर थी।

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?

राजनीति जानकारों का मानना है कि अजित पवार और एनसीपी विधायकों के एक गुट के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने से महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में सीटों के आवंटन को लेकर शिंदे खेमे में असंतोष पैदा होने की उम्मीद है। कुल 43 सीटों में से एनसीपी के 9 विधायकों के आने के बाद केवल 14 सीटें खाली हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी विधायकों के सामने आने और महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में 23 सीटें खाली होने से पहले शिंदे सेना अपने विधायकों के लिए कम से कम 11 सीटें पाने की कोशिश कर रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि लेकिन अब शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के अधिकतम 6 विधायकों को मंत्रालय का हिस्सा बनाया जा सकता है। एक राजनीतिक जानकार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शिंदे सेना के साथ गठबंधन बनाए रखने के लिए भगवा पार्टी की कोई मजबूरी नहीं है। यह शिंदे और उनके विधायकों के लिए एक झटका होगा।


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