लंदन: प्रतिष्ठित एशेज सीरीज का दूसरा टेस्ट खत्म हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान इंग्लैंड पर रोमांचक जीत दर्ज की। मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की जीत से ज्यादा जीत हासिल करने के तरीकों पर बात हो रही है। मसलन जॉनी बेयरस्टो का विवादित रनआउट। खैर मैच खत्म होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस मीडिया से बात करने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आते हैं, जहां उनका पहले से इंग्लिश पत्रकार इंतजार कर रहे थे। एक के बाद एक सवाल दागे जाते हैं। पहले ही प्रश्न में ईमानदारी और खेल भावना का जिक्र कर दिया जाता है। इसी सिलसिले में एक सवाल ये भी किया गया कि क्या जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया अगले टेस्ट में अंडरआर्म बोलिंग या मांकड़िंग का भी सहारा लेने वाली है। ऐसे तीखे सवाल पर कमिंस ने भी तपाक से कह दिया कि अगर पिच फ्लैट होगी तो अंडरआर्म बोलिंग भी हो सकती है।अंडरआर्म बोलिंग होती क्या है?आपने अक्सर गली क्रिकेट में इस तरह की गेंदबाजी देखी होगी। गेंदबाज एक घुटना आगे की ओर झुकाकर जमीन के करीब से गेंदबाजी करता है तो उसे अंडरआर्म बोलिंग करते हैं। क्रिकेट जब शुरू हुआ तब गेंदबाज ऐसे ही बॉल फेंकते थे। तकनीकी रूप से कहें तो अंडरआर्म डिलीवरी वह होती है जिसमें गेंदबाज का हाथ कमर के स्तर से ऊपर नहीं उठता है। अब क्रिकेट के नियम अंडरआर्म डिलिवरी को अवैध बना चुके हैं, जब तक कि मैच से पहले सहमति न हो ग्रेग चैपल की बेइमानीअंडरआर्म बोलिंग का जिक्र क्रिकेट के इस कांड के बिना अधूरा है। तब भी ये कहानी ऑस्ट्रेलिया के ही इर्द-गिर्द घूमी थी। दरअसल, बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड सीरीज कप में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आमने-सामने थे। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए स्कोरबोर्ड पर चार विकेट के नुकसान पर 235 रन बनाए। न्यूजीलैंड ने लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया। कीवियों को आखिरी ओवर में 15 और आखिरी गेंद पर जीत के लिए सात रन चाहिए थे जबकि छक्का पड़ते ही मैच टाई हो जाता। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान और टीम इंडिया के पूर्व कोच रहे ग्रेग चैपल ने बॉल अपने ट्रेवर चैपल को थमाई। और इस तरह अंडरआर्म बोलिंग बैनआखिरी गेंद पर छक्का मारना पुछल्ले बल्लेबाज ब्रायन मेक्नी के लिए असंभव था, जिसने 14 मैच के वनडे करियर में सिर्फ 54 रन बनाए थे। बावजूद इसके ग्रेग ने अपने भाई ट्रेवर से आखिरी बॉल अंडरआर्म फेंकने बोली। दोनों अंपायरों को बता दिया गया कि अंतिम गेंद अंडरआर्म होगी। ट्रेवर ने बॉल को पिच पर लुढ़काते हुए बैट्समैन की तरफ फेंकी। तब ऐसी गेंद नियमों के अनुसार गलत नहीं थी, लेकिन ये हरकत खेल भावना के खिलाफ थी। भौचक्के रह गए कीवी बल्लेबाज ने गुस्से में बैट पटक दिया, क्योंकि वह न्यूजीलैंड के लिए मैच टाई नहीं कर पाए। इस कांड के बाद आईसीसी ने अंडरआर्म बोलिंग बैन कर दी।
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