इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने सीपीईसी के 10 साल पूरा होने पर पाकिस्तान और चीन को बधाई दी। उन्होंने दावा किया कि यह परियोजना पड़ोसी देश ईरान, अफगानिस्तान, मध्य एशिया और पूरे क्षेत्र के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। शहबाज ने भारत को अपने मीठे बोल में फंसाने की कोशिश करते हुए कहा कि भारत को सीपीईसी के रास्ते में बाधाएं पैदा करने के बजाए इसका लाभ उठाना चाहिए। भारत शुरू से ही सीपीईसी का विरोध करता रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर जाता है, जो हिंदुस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है। भारत ने कई बार पाकिस्तान को दो टूक लहजे में पीओके को खाली करने को भी कहा है।
शहबाज ने जिनपिंग को बताया महान नेता
बधाई संदेश में शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान और चीन के नेतृत्व और दोनों देशों के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि पाकिस्तान और चीन आयरन ब्रदर्स हैं। उन्होंने सीपीईसी को दोनों देशों की सदाबहार दोस्ती और साझेदारी का एक नया अध्याय भी बताया। शहबाज ने कहा कि सीपीईसी चीन के 'महान' नेता शी जिनपिंग और हमारे 'कायद' मुहम्मद नवाज शरीफ के सभी के विकास के दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति भी है। उन्होंने चीन की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि बीआरआई राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शांति, मित्रता, आर्थिक साझेदारी और सह-अस्तित्व के दर्शन की अभिव्यक्ति भी है। उन्होंने कहा कि सीपीईसी पाकिस्तान के लोगों के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग का उपहार भी है।सीपीईसी को लेकर भारत पर साधा निशाना
शहबाज शरीफ ने सीपीईसी के 10 साल से लटके होने पर अफसोस जताते हुए इमरान खान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीपीईसी चार साल तक बाधित रहा और हमारे महान मित्र चीन पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा कि सीपीईसी के दुश्मन पाकिस्तान और क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि के दुश्मन हैं और वे नहीं चाहते कि हमारे लोगों को गरीबी से छुटकारा मिले। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत को इसके रास्ते में बाधाएं पैदा करने के बजाय सीपीईसी के लाभों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।सीपीईसी को बताया दिलों को जोड़ने की परियोजना
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि यह सिर्फ सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाई मार्गों में सुधार के उद्देश्य वाली परियोजना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास और विकास प्रक्रिया में साझेदारी की भी एक बेहतरीन योजना है। उन्होंने कहा, "सीपीईसी न केवल क्षेत्रों बल्कि लोगों के दिलों को जोड़ने की एक खूबसूरत योजना है। यह वैश्वीकरण के वर्तमान युग में आर्थिक क्षेत्रीयकरण की एक गेम-चेंजर परियोजना है।" शहबाज ने कहा कि सीपीईसी पाकिस्तान के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और उन्हें गरीबी से बाहर निकालकर शांति का माहौल प्रदान करने की भी एक यात्रा है।सीपीईसी को बताया पाकिस्तान के विकास की चाबी
उन्होंने कहा कि सीपीईसी पाकिस्तान और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आपसी साझेदारी के एक नए युग की शुरुआत का एक उपकरण है। इसमें जल आपूर्ति से लेकर शिक्षा, तकनीकी प्रशिक्षण और कौशल विकास जैसी परियोजनाएं भी शामिल हैं। शहबाज ने कहा कि सीपीईसी के तहत देश भर में नौ विशेष आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, औद्योगिक सहयोग की सुविधा मिलेगी और स्थानीय उत्पादन में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की क्षमता निर्माण को शामिल करना और प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम के लिए सक्रिय उपाय भी सीपीईसी का हिस्सा हैं। इसमें कृषि विकास के लिए संयुक्त उद्यम भी शामिल हैं जो देश में खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगे।from https://ift.tt/HIJKk8n
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