संदीप तिवारी, लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में NDA की जीत हुई। इसके बाद नरेंद्र मोदी ने रविवार 9 जून लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी के अलावा राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान ने भी शपथ ली। इसके साथ ही छह राज्यमंत्री बनाए गए हैं। इन अगला राज्यमंत्रियों में सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी का नाम शामिल है। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में 7 देशों के लीडर्स और देश के फिल्म स्टार भी इस समारोह में मौजूद रहे। बता दें कि जयंत चौधरी के दादा और पिता भी केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी का जन्म 27 दिसंबर 1978 को पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह और राधिका सिंह के घर हुआ था। चौधरी ने बीकॉम (ऑनर्स), एमएससी (एकाउंटिंग एंड फाइनेंस) की उपाधि हासिल की है। उन्होंने श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से शिक्षा प्राप्त की। फिलहाल जयंत चौधरी यूपी से राज्यसभा सदस्य हैं। इससे पहले 2009 से 2014 तक मथुरा से 15वीं लोकसभा के सदस्य रहे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभावी जाट समुदाय से आने वाले जयंत चौधरी किसानों और पिछड़ों के प्रमुख नेता के रूप में जाने जाते हैं। 2021 में चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद जयंत को राष्ट्रीय लोक दल का अध्यक्ष बनाया गया था।
विधानसभा चुनाव में सपा से था गठबंधन
यूपी विधानसभा चुनाव के बाद जयंत चौधरी जुलाई 2022 में सपा से गठबंधन होने के बाद राज्यसभा सांसद बने। वहीं बीते दिनों लोकसभा चुनाव में रालोद ने भाजपा से गठबंधन कर लिया। बागपत और बिजनौर लोकसभा सीट उसके खाते में आ गई। जयंत चौधरी ने बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा। दोनों ही सीटों पर रालोद के सांसद चुने गए।दादा चौधरी चरण 1977 में बने थे पहली बार सांसद
जयंत चौधरी के दादा स्व. चौधरी चरण सिंह 1977 में लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे। चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्र सरकार में गृहमंत्री बनाया गया। 1979 में उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्री, उप प्रधानमंत्री बनाया गया था। इसके बाद देश के प्रधानमंत्री बनाए गए। हालांकि वे ज्यादा दिनों तक प्रधानमंत्री नहीं रहे, लेकिन देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचकर उन्होंने बागपत का भी नाम रोशन किया।पिता अजीत सिंह ने निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
दादा चौधरी चरण सिंह के बाद जयंत के पिता अजीत सिंह ने भारतीय राजनीति में विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वो वीपी सिंह की सरकार में 5 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक वाणिज्य और लेख उद्योग मंत्री रहे। पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में 1995 से मई 1996 तक केंद्रीय खाद्य प्रसंस्कृत उद्योग मंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 22 जुलाई 2001 से 24 मई 2003 तक केंद्रीय कृषि मंत्री रहे और फिर मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में 18 दिसंबर 2011 से 26 मई 2014 तक नागरिक उड्यनन मंत्री रहे।from https://ift.tt/NAJLX13
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