अहमदाबाद: गुजरात में देश की सबसे पुरानी शराबबंदी को और मजबूती से लागू करने के लिए पुलिस ने पहला अल्कोहल डिटेक्शन डॉग स्क्वायड तैयार किया है। गुजरात में ही इसी महीने गुजरात में एक डॉग ने पुलिस को 1.07 करोड़ रुपये की चोरी की गुत्थी सुलझाने में मदद की थी। इस डॉग का नाम पेनी था। अब पुलिस ने शराब की जांच करने वाला डॉग 'आद्रेव' की मदद से राजकोट में पहला मामला पकड़ा है। गुजरात में हरियाणा-दिल्ली से चोरी छिपे शराब पहुंचती है। इसके अलावा दूसरे राज्यों से आती है। जो बुटलेगर के माध्यम से बेची जाती है। गुजरात पुलिस का पहला डॉग गुजरात पुलिस के अनुसार पहली बार शराब की जांच के लिए कुत्ते को प्रशिक्षित किया है। आद्रेव गुजरात पुलिस का पहला शराब की जांच करने वाला कुत्ता है। यह किसी भी जगह किसी भी तरकीब का इस्तेमाल करके शराब की छुपी हुई खेप को खोज सकता है। हाल ही में राजकोट में आद्रेव ने केस राजकोट की एक कॉलोनी के मफतियापारा इलाके में खोज निकाला। इसमें एक महिला के घर में शराब की खेप को खोजा। घर में मिला बड़ स्टॉक राजकोट के इस मामले में सामने आया है कि आद्रेव ने जिस घर को चिन्हित किया। वहां पर शराब का स्टॉक छिपा हुआ था। आद्रेव ने अपने हैंडलर से आदेश मिलते ही उसे ढूंढ निकाला। पुलिस ने महिला पर शराबबंदी के तहत मामला दर्ज किया है। गुजरात पुलिस ने वरिष्ठ कुत्ता प्रशिक्षण सलाहकार कर्नल चंदनसिंह राठौर के माध्यम से नरोदा स्थित डॉग ट्रेनिंग स्कूल में आद्रेव को शराब की जांच के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है। पुलिस के अनुसार यह प्रशिक्षण 9 महीने तक चला था। गुजरात में देश की सबसे पुरानी शराबबंदी है लेकिन फिर बड़े पैमाने पर तमाम रास्तों से तस्करी होती है।
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