तेहरान: इजरायल-हमास युद्ध को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है। गाजा और लेबनान में बढ़ते संकट को देखते हुए में सोमवार को एक महत्वपूर्ण अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। अरब और इस्लामी दुनिया भर के नेताओं ने इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। लेकिन ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान इसमें शामिल नहीं हुए। शिखर सम्मेलन में शामिल न होने के पीछे उन्होंने व्यस्तता को कारण बताया।ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ईरान-सऊदी अरब संबंधों पर चर्चा के लिए फोन पर बातचीत की। दोनों के बीच रविवार शाम को बात हुई। इसके बाद ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि वह सोमवार यानी 11 नवंबर को अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की संयुक्त मीटिंग में हिस्सा लेने में असमर्थ होंगे। ईरान की सरकारी मीडिया IRNA के मुताबिक ईरानी राष्ट्रपति ने दावा किया कि उनका कार्यक्रम व्यस्त है।
इजरायल की आलोचना करता रहा है सऊदी
इतनी अहम मीटिंग में ईरान के न शामिल होने का फैसला दिलचस्प है। ऐसा माना जा सकता है कि ईरान अपने राष्ट्रपति को मीटिंग में तभी शामिल करना चाहेगा जब इसका इस्तेमाल केवल इजरायल के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए हो। सऊदी अरब गाजा और लेबनान में इजरायली कार्रवाई की आलोचना करता रहा है। सऊदी अरब इस मीटिंग का इस्तेमाल अरब और मुस्लिम दुनिया के अपने नेतृत्व को दिखाने के लिए करना चाहता है।ईरान के उपराष्ट्रपति होंगे शामिल
ईरानी मीडिया ने कहा, 'पेजेशकिया ने कहा कि उनके उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा अरेफ बैठक में हिस्सा लेंगे। ईरानी और सऊदी अधिकारियों के दृढ़ संकल्प का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति पेजेशकियान ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच संबंध और विकसित होंगे।' सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने कहा कि वह समझते हैं कि पेजेशकियान इसमें शामिल नहीं होंगे और उन्होंने ईरान की सफलता की कामना की।from https://ift.tt/29uMT7E
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