मनीष कुमार सिंह, उन्नाव: यूपी के उन्नाव (Unnao News) जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग () जीते जी ही अपना दसवां और तेरहवीं अपने हाथों से कर रहा है। बुजुर्ग को अंदेशा है कि उसके न रहने पर घरवाले उसका क्रियाकर्म सही से नहीं करेंगे। इसलिए वह अपने जीवित रहते ही अपना क्रिया कर्म खुद कर रहा है। इतना ही नहीं उसने तेरहवीं भोज के लिए चार सौ लोगों को न्योता भी दिया है ।नवाबगंज ब्लॉक के केवाना गांव निवासी जटाशंकर जिनकी उम्र 59 साल हो चुकी है। बताते हैं कि जटा शंकर का भरा पूरा परिवार है। बेटा-बेटी मिलाकर उनके सात बच्चे हैं। परिवार से अलग जटाशंकर अपने खेत पर ही कोठरी बनाकर रहते हैं।
अपने दसवें के दिन खुद करवाया मुंडन
जटाशंकर का कहना है कि आजकल समय खराब है। इसलिए मैंने अपनी मर्जी से अपना क्रियाकर्म करने का फैसला लिया। मैंने अपनी कोठरी के पास अपनी समाधि के लिए एक चबूतरा भी बनवा है। जटाशंकर बीते मंगलवार को अपना दसवां कर चुके हैं, पिंडदान के साथ अपने बाल भी मुंडवा लिया है।तेरहवीं भोज में गांव भर को दिया न्योता
जटाशंकर ने बताया कि गुरुवार को हमने तेरहवीं भोज आयोजित किया है। इसमें गांव जवार के लोगों के साथ नाते-रिश्तेदारों को भी न्योता दिया है। जटाशंकर का कहना है कि हमने लगभग तीन-चार सौ लोगों की व्यवस्था की है। जिसका मन होगा वह आकर प्रसाद ग्रहण करेगा। साथ ही बताया कि वह यह सब अपनी मर्जी से कर रहा है ।तेरहवीं भोज बना चर्चा का विषय
बुधवार को खेत में बनाए गए समाधि के लिए बनवाए गए चबूतरे के पास जटाशंकर ने अखंड रामायण का पाठ भी कराया था। जटाशंकर के इस फैसले को कुछ लोग सही बता रहे हैं कुछ लोग गलत।गांव के लोगों को मिला न्योता
केवाना के रहने वाले रजनीश की मां गांव की प्रधान भी हैं। रजनीश ने बताया कि जटाशंकर की अपने परिवार से कम बनती है। इसलिए वह खेत पर रहते हैं। उन्होंने सोचा कि मरने के बाद पता नहीं कोई उनका क्रियाकर्म करे या न करे इसलिए खुद ही क्रिया कर्म कर रहे हैं। गांव वालों को बकायदा तेरहवीं भोज के लिए न्योता भी दिया है। लोग भोज में शामिल होने के लिए जा भी रहे हैं।from https://ift.tt/Ud1D4uM
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