पटना: सियासत में नेताओं के बीच एक 'म्यूचूअल अंडरस्टैंडिंग' होती है। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए समय-समय पर तीखी बयानबाजी होती है। मगर, परदे के पीछे सबकुछ ठीकठाक रहता है। इसके माहिर खिलाड़ी हैं। जरूरत पड़ने पर पानी भी उतारते हैं, मगर काफी धैर्य के साथ। कहा जा रहा है इसकी नई बानगी बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी की 'पगड़ी' है। जिसे उन्होंने अयोध्या में जाकर यमुना जी में प्रवाहित किया। लालू यादव और भी अब नीतीश कुमार को 'पलटू राम' नहीं कहते हैं। मगर, नीतीश कुमार के खिलाफ नए 'बल्लेबाज' के तौर पर पिछले कुछ दिनों से और उभरे हैं। हालांकि, जेडीयू के ओर से किसी तरह का रिएक्शन नहीं है।
नीतीश के खिलाफ मांझी की ताबड़तोड़ बैटिंग
पटना में शनिवार को हम पार्टी ने पहली बार केंद्रीय मंत्री बने जीतन राम मांझी का अभिनंदन समारोह आयोजित किया। कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार मेरी राजनीति खत्म करना चाहते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने बहुत कुछ दे दिया। अभी भी लोग जल रहे हैं कि एकमात्र सांसद होने के बावजूद जीतन राम मांझी को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया लेकिन उनके जलने से कुछ नहीं होने वाला है। हाल ही में मोदी सरकार ने जीतन राम मांझी की अहमियत बढ़ाते हुए नीति आयोग में भी जगह दी। मगर, नीतीश कुमार हमलावर जीतन राम मांझी यहीं नहीं रूके। उन्होंने कहा कि वे (मांझी) नीतीश कुमार के गठबंधन में शामिल थे लेकिन नीतीश कुमार ने बुलाकर कहा था कि पार्टी (हम) का जेडीयू में विलय कर दीजिए लेकिन मैंने पार्टी का विलय नहीं किया। नीतीश कुमार के गठबंधन से बाहर हो गया और एनडीए में शामिल हो गया। इसका नतीजा देखिए, आज मैं केंद्र में मंत्री बन गया। संतोष सुमन (मांझी के बेटे) को 6 साल के लिए विधान पार्षद बनवा दिए। पहले संतोष सिर्फ एक विभाग के मंत्री हुआ करते थे लेकिन अब तीन विभाग को संभाल रहे हैं। मैंने जब पार्टी बनाई थी तो नीतीश कुमार ने कहा था कि जीतन मांझी पार्टी कैसे चलाएगा? उसके पास पैसा है जो पार्टी चलाएगा। लेकिन आज मेरी पार्टी दौड़ रही है।चिराग ने भी नीतीश सरकार पर उठाए थे सवाल
न्यूज एजेंसी एएनआई को 16 जुलाई को दिए इंटरव्यू में चिराग पासवान ने कहा था कि 'बिहार में पुलों का गिरना बहुत ही गंभीर बात है, इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बैक टू बैक राज्य में ब्रिजेज गिरे हैं, किसी की जिम्मेदारी तय करनी होगी, जवाबदेही तय करनी होगी। इसके लिए ऐसी सजा होनी चाहिए कि भविष्य में लोग गलतियां करने से डरें। जब तक किसी को जिम्मेदार ठहराया नहीं जाएगा, तब तक ऐसे ही चलता रहेगा।' इसी इंटरव्यू में चिराग ने कहा था कि 'मुख्यमंत्री जी (नीतीश कुमार) का हमेशा कहना रहा है कि करप्शन पर जीरो टॉलरेंस उनका हमेशा से है। अगर इस तरह से गुणवत्ता से समझौता रहेगा तो कहीं न कहीं भ्रष्टाचार हुआ है और जिसने किया है उसकी जवाबदेही तय करके भविष्य गुणवत्ता से कोई समझौता न हो इसके लिए हमलोगों को काम करने की जरूरत है। हमारी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है और इसके लिए पूरी तरह राजी हैं। मैं इसमें नहीं जाना चाहता कि उस वक्त किसकी सरकार थी, महागठबंधन की सरकार थी, कौन मंत्री थे, उसमें पड़ना नहीं चाहता। मैं इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं कि हमारी सरकार से ये गलती हुई। भले ही उस वक्त किसी की सरकार रही हो लेकिन आज हुआ है तो ये हमारी जिम्मेदारी है।'सबकी नजर 2025 बिहार विधानसभा चुनाव पर
दरअसल, बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य की सत्ता में सबसे बड़ी स्टेक होल्डर बीजेपी है। इसके बाद जेडीयू है। वैसे, सदन में नीतीश कुमार की पार्टी नंबर के मामले में तीसरे पोजिशन पर आती है। जीतन राम मांझी के पास वर्तमान में कुल तीन विधायक हैं। एक बार आरजेडी के कोटे से तो दूसरी बार बीजेपी के कोटे से बेटे को एमएलसी बनवा चुके हैं। मांझी के बेटे नीतीश सरकार में मंत्री हैं। जबकि, चिराग पासवान के पास बिहार में एक भी विधायक नहीं हैं। दोनों की दावेदारी दलित वोट बैंक पर रही है। मगर, अकेले ये कुछ नहीं सकते। आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए इस तरह की बयानाबाजी से प्रेशर पॉलिटिक्स की जा रही है। माना जा रहा है कि इनको लगता है कि जो ज्यादा नीतीश सरकार को टारगेट करेगा, उसका नंबर उतना ज्यादा बढ़ेगा।from https://ift.tt/fJzq8xA
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