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Monday, 15 July 2024

MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा- आपको नौकरशाहों की साजिशों से बचना होगा

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एक ओर नेतृत्व डैमेज कंट्रोल कर यूपी में होने वाले आगामी उपचुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति में अभी से जुट गया है। दूसरी ओर बीजेपी को अपने ही नेताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है। पूर्व मंत्री मोती सिंह और बीजेपी विधायक रमेश मिश्रा ने भले ही अपने बयान से पलट गए हैं। हालांकि इसी क्रम में बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी को पत्र लिखकर सवाल कर दिया है। बीजेपी एमएलसी ने पूछा कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता आप की सरकार से नाराज हो गई है। इसके साथ ही ऑनलाइन हाजिरी के निर्णय को वापस लेने के साथ ही पुरानी पेंशन की बहाली पर विचार करने की मांग की है। बता दें, एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह का पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी को लिखे गए पत्र में लिखा कि आपके सुशासन और कानून व्यवस्था की हर जगह सराहना होती है। यहां तक कि आपके सुशासन के मॉडल की चर्चा प्रदेश और देश की सीमाओं से बाहर भी होती है। हालांकि अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता आपकी सरकार से नाराज हो गई। उन्होंने लिखा कि कई कारणों ने मिलकर 2024 का परिणाम खराब कर दिया है। जनता के मन में सरकार की छवि शिक्षक और कर्मचारी विरोधी बन गई है। इसके लिए नौकरशाह जिम्मेदार हैं, उनके द्वारा लिए गए निर्णयों ने जनता को नाराज कर दिया। नौकरशाहों के लिए गए निर्णय सरकार के लिए अभिशाप बन गए है।

शिक्षकों ने निभाई जिम्मेदारी

एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र में लिखा कि प्राथमिक शिक्षक कोरोना काल में जब खून के रिश्ते भी बेमानी हो गए थे। ऐसे संकट में चुनावी जिम्मेदारी निभाते हुए 1621 शिक्षक असमय मौत का शिकार हो गए थे। लोकतंत्र के लिए उनके बलिदान को भुला दिया गया है। उन्होंने पत्र के जरिये कहा कि पोलियो में भारत को विश्व कीर्तिमान दिलाने वाले शिक्षकों को डिजिटल अटेंडेंस के नाम पर अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है। शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अलावा 30 कार्य ऑफलाइन लिए जाते हैं, लेकिन अटेंडेंस ऑनलाइन क्यों।

अधिकारियों पर एमएलसी के आरोप

एमएलसी ने पूछा कि क्या शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए कोई अतिरिक्त सुविधा दी जाती है? क्या शिक्षक इंसान की जगह मशीन बन गए हैं? विचारणीय सवाल ये है कि अन्य विभागों में डिजिटल अटेंडेंस क्यों लागू नहीं है? साथ ही पत्र के जरिये सीएम योगी से पूछा कि पिछले कुछ दिनों में महानिदेशक शिक्षा कार्यालय में 85 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए थे, क्या उन्होंने अपने कार्यालय में डिजिटल हाजिरी लागू की है। क्या आपको पता है कि बाजार में पुराना स्मार्टफोन साढ़े सात हजार में बिकता है और उसे ज्यादा दाम में खरीद कर अधिकारियों ने सरकारी खजाने को कितना लूटा है?

पुरानी पेंशन देने पर विचार

सीएम योगी को सलाह देते हुए एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र में लिखा कि आपको नौकरशाहों की साजिशों से बचना होगा। इसके साथ ही लिखा कि बढ़ती नाराजगी को रोकने के लिए डिजिटल अटेंडेंस का फैसला वापस लेना होगा। साथ ही कहा कि पुरानी पेंशन देने पर विचार करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि तदर्थ शिक्षकों की लंबी सेवा को देखते हुए हमारा उन्हें निकालने का इरादा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की इस भावना का सम्मान करते हुए रिक्त पदों पर तदर्थ शिक्षकों को भरना चाहिए।


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