
11 साल बाद मिला न्याय
एडीसीजीसी रविदत्त द्विवेदी के अनुसार, थाना क्षेत्र के गांव निवासी एक युवक की मासूम बेटी 14 जनवरी 2014 की सुबह करीब साढ़े 10 बजे गांव के बाहर बाग में आम बीनने लिए गई थी। इस दौरान गांव का ही रहने वाला धीरु उर्फ धीरेंद्र भी वहां पहुंचा और अकेली लड़की को देख कर बुरी नीयत से दबोच लिया। आरोपी ने बच्ची के साथ दरिंदगी की। इसके बाद बच्ची के चीखने-चिल्लाने पर मौके से छोड़कर भाग निकला।मामले में 8 गवाह हुए पेश
रोते-बिलखते घर पहुंची बच्ची ने परिजनों से आप बीती बताई। मासूम के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत अन्य सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। शनिवार को मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजक और उनके साथी अधिवक्ता देवेश श्रीवास्तव ने जिरह के दौरान कोर्ट में 8 गवाहों को पेश किया। बचाव पक्ष की दलीलों और पत्रावलियों के अभाव में जज ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए यह फैसला सुनाया।जुर्माने की पूरी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश
साथ ही आरोपी से वसूली गई अर्थदंड की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का आदेश भी दिया है। जुर्माना अदा न करने पर आरोपी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी पड़ेगी।from https://ift.tt/3Sj5teT
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